पानी बरसाagy
ओ पिया, पानी बरसा !
- घास हरी हुलसानी
- मानिक के झूमर-सी झूमी मधुमालती
- झर पड़े जीते पीत अमलतास
- चातकी की वेदना बिरानी।
- बादलों का हाशिया है आस-पास
- बीच लिखी पाँत काली बिजली की
- कूँजों के डार-- कि असाढ़ की निशानी !
- ओ पिया, पानी !
मेरा हिया हरसा।
- खड़-खड़ कर उठे पात, फड़क उठे गात।
- देखने को आँखें, घेरने को बाँहें,
- पुरानी कहानी !
- ओठ को ओठ, वक्ष को वक्ष--
- ओ पिया, पानी !
मेरा जिया तरसा।
ओ पिया, पानी बरसा।
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