जीवन शतरंज के.....

जीवन शतरंज के खेल की तरह है
 और यह खेल आप ईश्वर के साथ खेल रहे हैं। 
आपकी हर चाल के बाद, 
अगली चाल वो चलता है। 
आपकी चाल आपकी ‘पसंद’ कहलाती है 
और उसकी चाल ‘परिणाम’ कहलाती है। 
आपकी परीक्षा ली जाती है… 
आपको चुनौती दी जाती है… 
आपको कोने में धकेल दिया जाता है। 
और फिर, जब वह देखता है कि आप अपना खेल बख़ूबी खेल रहे हैं तो वह आपको बाज़ी जीतने देता है 
और इस तरह ख़ुद भी जीत जाता है।

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